भारत

कांग्रेस ने वर्षो तक शासन किया, पर नॉर्थ-ईस्ट और असम को केवल हिंसा,विवाद और अलगाव की राजनीति दी: PM मोदी

गोलाघाट/दरांग- 14 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक शासन किया, लेकिन नॉर्थ-ईस्ट और असम को केवल हिंसा, विवाद और अलगाव की राजनीति दी, जबकि भाजपा की डबल इंजन सरकार असम की पहचान और विरासत को सशक्त कर आधुनिक विकास की ओर अग्रसर कर रही है।

प्रधानमंत्री असम में गोलाघाट जिले के नुमालीगढ़ में असम बायो-एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन और पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान असम को 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने असम और पूर्वोत्तर को घाव दिए, वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठ को बढ़ावा दिया और जमीनें घुसपैठियों को आवंटित कर दीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य की जनसांख्यिकी से खिलवाड़ किया और असम के लोगों को उसकी कीमत चुकानी पड़ी। हमारी सरकार ने घुसपैठ की इस समस्या से निपटने का संकल्प लिया है और लोगों की जमीनें वापस दिलाई जा रही हैं।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस शासन में बांस काटने पर पाबंदी थी और आदिवासी समाज के लोग, जिनकी रोजमर्रा की जिंदगी बांस पर निर्भर थी, उन्हें जेल भेजा जाता था। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने यह प्रतिबंध हटाकर आदिवासियों और पूर्वोत्तर की जनता को राहत दी और आज इसी फैसले से लोगों को लाभ हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने असमिया भाषा को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा देकर उसकी सांस्कृतिक महत्ता को मान्यता दी और लाचित बोरफुकन की विरासत को सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार असम की पारंपरिक पहचान को आधुनिक आकांक्षाओं से जोड़ते हुए एक नए युग की शुरुआत कर रही है।

मोदी ने कहा कि असम भारत की ऊर्जा सामर्थ्य को बढ़ाने वाली धरती है। यहां से निकले पेट्रोलियम उत्पाद देश के विकास को गति देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की राह पर है। उन्होंने याद दिलाया कि एक दशक पहले तक भारत सोलर पावर के मामले में पिछड़ा हुआ था, लेकिन आज यह दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होने वाला देश है। बिजली, गैस और ईंधन की हमारी जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं। पहले हम इन सबके लिए विदेशी देशों पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य सामने है।

प्रधानमंत्री ने गोलाघाट में असम बायो-एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड नुमालीगढ़ रिफाइनरी के सेकेंड जेनरेशन बायो-एथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया। यह दुनिया का पहला आधुनिक संयंत्र है, जिसमें बांस से बायो-एथेनॉल बनाया जाएगा। उन्होंने साथ ही पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये संयंत्र असम में उद्योगों को बल देंगे, किसानों और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करेंगे और असम के विकास को नई गति देंगे। मेडिकल, पैकेजिंग और टेक्सटाइल सहित अनेक क्षेत्रों में इन उत्पादों का उपयोग होगा। यह संयंत्र मेक इन इंडिया को मजबूत बनाएगा।

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर मिशन में भी असम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मोरीगांव में सेमीकंडक्टर फैक्ट्री का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिस पर 27 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक चिप्स आज हर क्षेत्र – मोबाइल फोन से लेकर हवाई जहाज और अंतरिक्ष मिशन तक – की आत्मा हैं और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में असम की अहम भूमिका होगी। मोदी ने कहा कि असम की उपजाऊ मिट्टी और मेहनती लोगों ने असम चाय को वैश्विक ब्रांड बनाया है। उन्होंने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भरता के नए युग की ओर बढ़ रहा है। ऊर्जा और सेमीकंडक्टर इस यात्रा की दो अहम शर्तें हैं और असम दोनों क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा कि पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का शिलान्यास भी किया गया है, जिसकी लागत लगभग 7000 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से पैकेजिंग, कंज्यूमर गुड्स, मेडिकल और ऑटोमोटिव सेक्टर को मजबूती मिलेगी और रिफाइनरी की प्रॉफिटेबिलिटी भी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे दो दिन से नॉर्थ-ईस्ट में हैं और यहां उन्हें हमेशा अद्भुत स्नेह और आशीर्वाद मिलता है। उन्होंने असम की जनता के अपनापन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मोदी ने कहा कि आज असम को मिले प्रोजेक्ट विकसित असम की ओर एक मजबूत कदम हैं। उन्होंने कहा, “यह दिन विकसित भारत की गौरव यात्रा में एक मील का पत्थर है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री ने आज दुनिया के पहले सेकंड जेनरेशन बायो-एथेनॉल प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया है। लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से हर साल पांच लाख टन बांस से करीब 50,000 टन बायो-एथेनॉल का उत्पादन होगा। पुरी ने बताया कि इस संयंत्र से ग्रीन एसिटिक एसिड, फूड ग्रेड कार्बन डाइऑक्साइड, एक्टिवेटेड कार्बन और 25 मेगावाट ग्रीन पावर जैसे अनेक बाय-प्रोडक्ट भी निकलेंगे। ये उत्पाद दवा उद्योग, फूड प्रोसेसिंग और स्पेशलिटी केमिकल सेक्टर की जरूरतें पूरी करेंगे और असम को नए औद्योगिक दौर में ले जाएंगे।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button