नई दिल्ली- 24 नवंबर। दिल्ली हाई कोर्ट ने ओमान में तीन नाबालिग बच्चों समेत परिवार की हत्या के आरोपित के प्रत्यर्पण के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दिया है। जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ आरोपित मजीबुल्लाह मोहम्मद हनीफ की याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट के इस फैसले से आरोपित को ओमान प्रत्यर्पित कर ले जाया जा सकेगा। दरअसल, 31 जुलाई 2019 को ओमान की पुलिस को खबर मिली की एक नागरिक, उसकी पत्नी और तीन नाबालिग बच्चों को उनके घर में मृत पाया गया। प्रारंभिक जांच के बाद ओमान प्रशासन ने हनीफ समेत तीन दूसरे आरोपितों के फिंगर प्रिंट पाये। जांच में पाया गया कि चारों ने मिलकर ये हत्या की है। उसके बाद चारों ओमान से भागकर भारत आ गए।
ओमान प्रशासन ने 5 अगस्त को भारतीय प्रशासन को प्रत्यर्पण संधि के तहत इन चारों भगोड़े आरोपितों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया। उसके बाद इनके प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू की गई। 17 अगस्त 2019 को इनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया। इसके लिए सीबीआई और इंटरपोल की मदद ली गई। 12 सितंबर 2019 को हनीफ को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच ओमान ने भारत सरकार से 20 सितंबर 2019 को हनीफ के प्रत्यर्पण की मांग की।
ओमान के प्रत्यर्पण की मांग के बाद केंद्र सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में प्रत्यर्पण कानून की धारा 5 के तहत जांच की मांग की। इस मामले में बाकी तीन आरोपित अभी फरार थे। लिहाजा जांच केवल हनीफ के खिलाफ चली। पटियाला हाउस कोर्ट में ट्रायल के दौरान हनीफ ने कहा कि वो निर्दोष है और उसे जानबूझकर फंसाया गया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने हनीफ को ओमान प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी। पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को हनीफ ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
बतादें कि हनीफ उत्तरप्रदेश का रहने वाला है और वो ओमान में मजदूरी करने गया था।