
ऊंटनी के दूध की मांग पूरे भारत में : डॉ साहू
बीकानेर-28 फरवरी। अब ऊंटनी का दूध प्रदेश व कुछ राज्यों तक ही सीमित नहीं बल्कि इसकी मांग पूरे भारत में उठने लगी है। यह जानकारी भारतीय कृषि अनुसंधान के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र (एनआरसीसी) के निदेशक डॉ. आर्तबंधु साहू ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान दी। उन्होंने कहा कि एनआरसीसी द्वारा ऊंटनी के दूध के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं इसे एक व्यावसायिक स्वरूप प्रदान करने के लिए दक्षिण भारत का रूख किया है। इसे लेकर एनआरसीसी एवं अंकुशम प्रा.लि. पूणे के समन्वय से कोयम्बटुर में एक राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए।

एनआरसीसी से प्रेरित होकर दक्षिण भारत तक पहुंचे उष्ट्र दुग्ध व्यवसाय, मधुमेह एवं ऑटिज्म में ऊंटनी के दूध का महत्व, अन्य राज्यों में प्रसारित हो रहे उष्ट्र दुग्ध व्यवसाय तथा इनकी बिक्री स्थिति आदि पर बात करते हुए डॉ. साहू ने कहा कि प्रदेश के ऊंटपालकों को इस दिशा में आगे बढऩा चाहिए क्योंकि औषधीय उपयोगिता एवं इसकी बढ़ती मांग, दूध के अच्छे बाजार भाव दिलवाने में सक्षम है। उन्हें दूध के उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण एवं सुलभता के लिए संगठित स्वरूप में आगे आना चाहिए। अन्य राज्य भी इसे अपनाते हुए लाभ कमाने लगे हैं। वे बोले कि एनआरसीसी उष्ट्र पर्यटन विकास को लेकर खासा संजीदा है तथा इस दिशा में किए जा रहे नवाचार पर्यटकों को आकर्षित कर रहे है ।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग द्वारा एनआरसीसी को ऊंट उत्सव संबंधी महत्वपूर्ण प्रस्तावित गतिविधियों के लिए चुना जाना गौरव का विषय है तथा गतिविधियों को सफल बनाने हेतु केन्द्र त्वरित रूप से तैयारियां कर रहा है।



