
उपेन्द्र कुशवाहा ने अटकलों पर लगाया विराम, कहा- मंत्री नहीं बनाए जाने की बात बेमानी
पटना- 28 जनवरी। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और विधानपरिषद सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को उन अटकलों पर विराम लगा दिया कि वे नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी बातें बेमानी हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये कहा, बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है और की जा रही है। ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराजगी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरूर मारी है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इतिहास गवाह है मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है। और इसी आइडियोलॉजी को बर्बाद करने की हो रही साजिश को नाकाम करने के एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी का विलय जद (यू) में करने का फैसला लिया। क्योंकि, हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं, जिनके नेतृत्व में इस विचारधारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है। इसलिए मैं यह बात एलानिया तौर पर कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है।
इस बीच, उपेंद्र ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाजरत पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद वशिष्ट नारायण सिंह से मुलाकात कर कुशल क्षेम पूछा। दरअसल, 16 अगस्त को हुए नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कुशवाहा पटना में कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद से ही कहा जा रहा था कि वे मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं।



