भारत

उपराष्ट्रपति ने आईएएस अधिकारियों से कहा-प्रेरणा और बदलाव का केंद्र बनें

नई दिल्ली- 04 अक्टूबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को युवा सिविल सेवकों से अपनी भूमिकाओं के निष्पादन में विनम्रता,सद्गुण और खुलेपन के माध्यम से अपने आचरण का अनुकरण करने का आग्रह किया। इस बात पर जोर देते हुए कि समाज पर उनकी छाप अमिट होगी, उपराष्ट्रपति ने उनसे मोटिवेश,इंस्पिरेशन और परिवर्तन का केंद्र बनने का आग्रह किया,क्योंकि नागरिक उन्हें रोल मॉडल के रूप में देखेंगे।

बुधवार को उपराष्ट्रपति निवास में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2021 बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि वे ऐसे समय में सार्वजनिक सेवा में प्रवेश कर रहे हैं जब देश में बड़े स्तर पर परिवर्तन हो रहे हैं। राष्ट्रीय प्रगति के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन के रूप में सिविल सेवकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि अमृत काल में उनका योगदान गेम-चेंजर साबित होगा।

देश में प्रचलित सरकारी पहलों के सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र की सराहना करते हुए,उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्तमान परिदृश्य में प्रत्येक युवा व्यक्ति अपने सपनों और आकांक्षाओं को साकार कर सकता है। उन्होंने देश की हालिया उपलब्धियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया,जैसे बार-बार के प्रयासों के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना और चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग।

अधिकारियों को “भारत@2047 के पैदल सैनिक” के रूप में संदर्भित करते हुए, उन्होंने कहा कि शासन को चलाने और निर्णय लेने में भाग लेकर, वे बड़े वैश्विक कल्याण के लिए अपनी मातृभूमि की सेवा करेंगे।

यह उल्लेख करते हुए कि एक समय था जब भ्रष्टाचार आम बात थी, उपराष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि “सत्ता के गलियारों को सत्ता के दलालों से मुक्त कर दिया गया है।” उन्होंने रेखांकित किया कि आज अधिकारियों के पास एक ऐसा तंत्र है जहां कानून का शासन,जवाबदेही और पारदर्शिता मार्गदर्शक सिद्धांत हैं,जो उन्हें व्यापक सार्वजनिक हित के लिए प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम बनाएगा।

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