ताज़ा ख़बरें

इजराइल पर ईरान आक्रमण की तैयारी में, अमेरिका चौकन्ना

तेहरान/वाशिंगटन- 03 अगस्त। इजराइल के ईरान में घुसकर अपने सबसे कट्टर दुश्मन हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया को मौत के घाट उतारने से समूचे पश्चिम एशिया में तनाव उत्पन्न हो गया है। हानिया की मौत से ईरान तमतमाया हुआ है। वह इजराइल पर बड़े आक्रमण की तैयारी में है। इस घटनाक्रम से अमेरिका चौकन्ना हो गया है।

पेंटागन ने पश्चिम एशिया में मौजूद अपने युद्धपोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेने के लिए अपने युद्धपोत यूएसएस अब्राहम लिंकन को भेजा है। इस युद्धपोत के साथ ही लड़ाकू विमानों से सुसज्जित स्ट्राइक ग्रुप को भी पश्चिम एशिया में भेजा है।

अमेरिका ने यह कदम ऐसे वक्त बढ़ाया है, जब ईरान ने इजराइल पर हमले की धमकी दी है। अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन की उप सचिव सबरीना सिंह ने बयान में कहा है, ”रक्षा विभाग लगातार ऐसे कदम उठाता रहेगा, जिससे ईरान और उसके सहयोगियों के क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने की संभावना को कम किया जा सके।” उन्होंने कहा, ”7 अक्टूबर के हमास के हमले के बाद से रक्षा सचिव ने बार-बार कहा है कि अमेरिका पश्चिम एशिया में अपने हितों की सुरक्षा करेगा और साथ ही इजराइल की सुरक्षा का अपना पक्का वादा भी निभाएगा।”

इस बीच, अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बैलिस्टिक मिसाइल से लैस क्रूजर और विध्वंसक जहाज भी यूरोपीय कमांड के अंतर्गत पश्चिम एशिया में भेजने का आदेश दिया है। साथ ही लड़ाकू विमानों के एक स्क्वॉड्रन को रवाना किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों इजराइल के गोलन हाइट्स में हुए हिजबुल्लाह रॉकेट हमले में फुटबॉल खेल रहे 12 इजराइली किशोरों और बच्चों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में इजराइल ने बेरूत में हमला कर हिजबुल्ला के कमांडर फुआद शुकर को ढेर कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद ईरान में एक इमारत को निशाना बनाकर किए गए हमले में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की मौत हो गई। हानिया की मौत पर ईरान के आक्रामक रुख से हिजबुल्लाह ने भी इजराइल से बदला लेने की तैयारी शुरू कर दी है।

ईरान ने दोटूक कहा है कि वह अपनी धरती पर इस्माइल हानिया की हत्या का बदला इजराइल से जरूर लेगा। दावा किया जा रहा है कि ईरान सीधा हमला कर सकता है। ईरान को लेबनान में हिजबुल्लाह, सीरिया और इराक के मिलिशिया और यमन में हूती विद्रोहियों से मदद मिल सकती है। इस साल अप्रैल में भी ईरान, इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन हमला कर चुका है। हालांकि इन मिसाइलों को रोकने में इजराइल कामयाब रहा था, क्योंकि उसे अमेरिका के साथ जॉर्डन का भी साथ मिला था। यूएई और सऊदी अरब ने इजराइल के खिलाफ उठने वाले ईरान के कदमों भी भनक से अमेरिका को अवगत करा दिया था।

ईरान के इजराइल पर हमला करने की वजह भी थी। दरअसल, इजराइल ने सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला करके ईरान के शीर्ष कमांडर को मारा था। तब ईरान ने 300 से ज्यादा मिसाइलें और किलर ड्रोन इजराइल के ऊपर दागे थे।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button