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अलविदा महारानी एलिजाबेथ: दुनियाभर के गणमान्य लोगों ने दी ब्रिटेन की महारानी को अंतिम विदाई

लंदन- 20 सितंबर। ब्रिटेन में सात दशक तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दुनियाभर के गणमान्य लोगों ने बेहद सम्मान और भव्यता के साथ अंतिम विदाई दी। महारानी एलिजाबेथ को किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल में उनके पति प्रिंस फिलिप के नजदीक दफनाया गया। अंतिम संस्कार के साथ ही महारानी एलिजाबेथ द्वितीय इतिहास का हिस्सा बन गईं। महारानी को ताबूत विंडसर कैसल में रॉयल वॉल्ट में उतारा गया। महारानी को दफनाने के समय किंग चार्ल्स तृतीय काफी भावुक थे।

ब्रिटिश शाही घराने के वरिष्ठ अधिकारी लॉर्ड चेम्बरलेन ने शाही परिवार के रूप में ‘कार्यालय की छड़ी’ के रूप में जानी जाने वाली एक छड़ी को तोड़ दी और सैकड़ों लोगों ने महारानी को विदाई दी। एंड्रयू पार्कर,जो ब्रिटेन की घरेलू गुप्त सेवा एमआई-5 के पूर्व प्रमुख हैं, उन्होंने सफेद छड़ी को तोड़कर रानी के ताबूत पर रख दिया। यह अनुष्ठान सम्राट को उसकी सेवा के अंत का प्रतीक माना जाता है।

चैपल में 800 लोग शोक सभा में शामिल थे, जबकि दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष समेत लाखों की संख्या में लोग वहां पहुंचे थे।

देश-विदेश के दो हजार से ज्यादा नेताओं, गणमान्य लोगों और लाखों अन्य लोगों ने नम आंखों से महारानी को विदा किया। विदाई समारोह में वो संगीत बजाया गया जो 1947 में महारानी की शादी के समय बजा, वही संगीत छह साल बाद 1953 में उनके राज्याभिषेक के समय बजा और संगीत की वही धुन अब उनके अंतिम संस्कार के समय बजाई गई। शोकाकुल वातावरण भी हर कदम पर भव्यता की निशानियां प्रस्तुत कर रहा था।

महारानी एलिजाबेथ को श्रद्धांजलि और विदाई देने के लिए दर्जनों देशों के लोग ब्रिटेन आए। इनमें ताइवान जैसा दुनिया का वह स्वायत्तशासी हिस्सा भी है जहां महारानी शायद कभी नहीं गईं और ना ही उसकी स्वायत्तता को ब्रिटेन ने मान्यता दी। यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड, स्काटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड) और अन्य 14 देशों में राजशाही के साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में महारानी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

कैंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने अंतिम प्रार्थना में महारानी के व्यक्तित्व से जुड़ी इन्हीं बातों का जिक्र किया। बताया कि किन वजहों से लोग उनसे प्यार करते थे।

करीब पांच दिनों तक आमजनों की श्रद्धा का केंद्र रहा महारानी का पार्थिव शरीर सोमवार प्रात: वेस्टमिंस्टर हाल से अंतिम यात्रा पर निकला। तोपगाड़ी पर रखे महारानी के ताबूत को ब्रिटिश नौसेना के सैनिक खींच रहे थे।

महारानी की अंतिम यात्रा पूर्ण राष्ट्रीय सम्मान के साथ शुरू हुई अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में ज्यादातर लोगों ने जीवन में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में ब्रिटिश सैनिकों को शाही कार्यक्रम में पहनी जाने वाली पोशाक में देखा। ये सैनिक मार्चिंग बैंड की धुन पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। प्रख्यात बिग बेन का घंटा भी हर मिनट के बाद बज रहा था। तोपगाड़ी के पीछे किंग चार्ल्स और राजपरिवार के सभी वरिष्ठ सदस्य पैदल चल रहे थे। जबकि लाखों लोग सड़क के दोनों ओर अपनी महारानी को अंतिम विदाई के लिए सड़क दोनों किनारे खड़े थे।

महारानी का पार्थिव शरीर वेलिंगटन आर्क के लिए रवाना हुआ और उसके बाद विंडसर पैलेस के लिए। सभी जगह सड़क के दोनों ओर मौजूद लोगों ने गमगीन माहौल में महारानी को विदा किया। विंडसर पैलेस परिसर में स्थित सेंट जार्ज चैपल में महारानी का पार्थिव शरीर परंपरागत रूप से धरती के हवाले कर दिया गया। महारानी को पति प्रिंस फिलिप के बगल में दफनाया गया है।

इससे पहले महारानी के ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल से वेस्टमिंस्टर एबी तक ले जाने समय शाही परिवार के सदस्य मौजूद थे। महारानी के ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल से निकाल कर वेस्टमिंस्टर एबी, एक गन कैरिएज में ले जाया गया। जिसे 142 नवल सेलर्स खींचा। किंग चार्ल्स और उनके बेटे भी ताबूत के साथ चलते दिखे।

महरानी को दफनाने के बाद शाही परिवार किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल से बाहर चला गया। बता दें कि दफनाने के समय पूरा शाही परिवार चैपल में मौजूद रहे।

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दफनाने समय किंग चार्ल्स बेहद गमगीन हो गए थे। महारानी के पार्थिव शरीर को ताबूत विंडसर कैसल में रॉयल वॉल्ट में उतारा गया। किंग जॉर्ज पंचम मेमोरियल चैपल में महारानी को दफनानाया गया।

महारानी को दफनाते समय किंग और उनका शाही परिवार और महारानी की प्यारे कुत्ते, मुइक और सैंडी भी सेंट जॉर्ज चैपल में मौजूद थे।

वेलिंगटन आर्क ले जाने के दौरान महारानी के ताबूत को आखिरी बार बकिंघम पैलेस के सामने से गुजरा।

लिज ट्रस ने बाइबल पढ़ा: महारानी के अंतिम संस्कार के मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस जॅान ने पवित्र ग्रंथ बाइबिल का पाठ किया। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंत्योष्टि के मौके पर पूरे ब्रिटेन में दो मिनट का मौन रखा गया।

किंग चार्ल्स के अनुरोध पर महारानी के ताबूत के शीर्ष पुष्पांजलि अर्पित की गई।। पुष्पांजलि में रोजमेरी, इंग्लिश ओक और मर्टल के पत्ते और रॉयल रेजिडेंस के बगीचों से कटे हुए फूल शामिल थे।

महारानी के अंतिम संस्कार के लिए क्वीन कंसोर्ट, द प्रिंसेस ऑफ वेल्स, प्रिंस जॉर्ज, प्रिंसेस चार्लोट और शाही परिवार के अन्य सदस्य वेस्टमिंस्टर एबी पहुंचे थे। अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल सहित विश्व के कई नेता वेस्टमिंस्टर एबी पहुंचे थे।

अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन के कई पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, लेडी थेरेसा मे, डेविड कैमरन, टोनी ब्लेयर और गॉर्डन ब्राउन सहित कई ब्रिटिश राजनेता वेस्टमिंस्टर एबी पहुंचे थे । बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 साल के शासनकाल में ब्रिटेन के 15 प्रधानमंत्रियों ने अपनी सेवाएं दी।महारानी को अंतिम विदाई तोप की सलामी और बिग बेन की घंटी बजाने के साथ दी गई।

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन 8 सितंबर को स्कॅाटलैंड के बाल्मोरल कैसल में 96 साल की उम्र में हुआ था।

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