दमिश्क- 16 दिसंबर। सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद शासन के पतन के बाद आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) जड़े जमाने की कोशिश कर रहा है। इस्लामिक स्टेट ने पूर्वोत्तर सीरिया में गतिविधियां तेज कर दी है। आतंकी समूह के हमले में कम से कम 88 लोग मारे गए हैं।
अरबी न्यूज बेवसाइट ‘+963’ के अनुसार, सैन्य सूत्रों ने रविवार को कहा कि मौजूदा स्थिति का फायदा उठाते हुए आईएसआईएस ने पूर्वोत्तर सीरिया के इलाकों में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। आतंकी संगठन ने पिछले दिनों इस क्षेत्र में कई हमले किए। इन हमलों केवल 24 घंटों में 88 लोग मारे गए और अन्य घायल हो गए। बहुत से लोग लापता हैं। साथ ही आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट अब अपने लड़ाकों को फिर सक्रिय कर रहा है। वह अराजकता और विभिन्न दलों के बीच चल रहे संघर्षों का फायदा उठाने की रणनीति पर काम कर रहा है। आईएसआईएस ने अपने कुछ महत्वपूर्ण सामरिक ठिकानों का पुनर्निर्माण किया है।
‘+963’ की खबर के अनुसार सीरिया के भविष्य को लेकर जॉर्डन के अकाबा में अरब मंत्रिस्तरीय शिखर सम्मेलन में इस विषय (कुछ आतंकी समूहों की बढ़ती गतिविधियों) पर चर्चा की गई। आधिकारिक बयानों में सीरिया की एकता को बरकरार रखने वाले एक आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया गया। बैठक में अमीरात, बहरीन और कतर के मंत्रियों और अरब राज्यों के लीग के महासचिव के अलावा जॉर्डन, सऊदी अरब, इराक, लेबनान और मिस्र के विदेशमंत्रियों ने हिस्सा लिया।
इस बीच विद्रोहियों के नेता और सीरिया में संयुक्त संचालन कमान के कमांडर अहमद अल-शरा उर्फ अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने कहा कि कुर्द मातृभूमि का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। उन्होंने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में एक वीडियो क्लिप में कहा, “बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंकने के बाद सभी सीरियाई लोग कानून के दायरे में रहेंगे।विस्थापितों को वापस लाया जाएगा। अब कुर्दों के लिए सीरिया के निर्माण में भागीदार बनने का समय आ गया है।”