सऊदी अरब आज भारत के सबसे मूल्यवान साझेदारों में से एक: PM मोदी

जेद्दा- 22 अप्रैल। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के साथ भारत के बढ़ते संबंधों की ‘असीमित क्षमता’ की प्रशंसा की है। वे दो दिवसीय यात्रा पर आज जेद्दा पहुंचे हैं। 2016 के बाद से यह उनकी सऊदी अरब की तीसरी यात्रा है। सऊदी अरब के वायु क्षेत्र में पहुंचने पर विशेष सम्मान देते हुए सऊदी वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने प्रधानमंत्री के विमान को एस्कॉर्ट प्रदान किया। सऊदी अरब के जेद्दा पहुंचने पर पीएम मोदी का 21 तोपों की सलामी दी गई और ‘ऐ वतन मेरे वतन’ गीत के साथ जोरदार स्वागत किया गया।

‘अरब न्यूज’ समाचार पत्र के साथ विशेष साक्षात्कार में उन्होंने सऊदी अरब को ‘एक भरोसेमंद दोस्त और रणनीतिक सहयोगी’ बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2019 में रणनीतिक भागीदारी परिषद के गठन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में काफी विस्तार हुआ है। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने खुलकर अपने दिल की बात कही।

हमारा रिश्ता स्थिर—

भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”हमारी साझेदारी में असीम क्षमता है। अनिश्चितता से भरी दुनिया में हमारा रिश्ता स्थिरता के स्तंभ के रूप में मजबूती से खड़ा है।” उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें ”द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत समर्थक और एक दूरदर्शी व्यक्ति बताया।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने विजन 2030 के तहत सुधारों के जरिए वैश्विक प्रशंसा को प्रेरित किया है।

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ा—

उन्होंने कहा, ”जब भी मैं उनसे मिला हूं, महामहिम ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है। उनकी अंतर्दृष्टि, उनकी दूरदर्शी दृष्टि और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वास्तव में उल्लेखनीय है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ा है। इसमें ऊर्जा, कृषि और उर्वरक प्रमुख क्षेत्र हैं। उन्होंने सऊदी और भारतीय व्यवसायों के बीच गहन एकीकरण का स्वागत किया, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन और प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए इस महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, ”भारतीय कंपनियों ने सऊदी अरब में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व एक्सपो 2030 और फीफा विश्व कप 2034 की मेजबानी के लिए बोली जीतने के लिए किंगडम को बधाई दी और इस दोहरी सफलता को ‘बहुत गर्व’ की बात बताया। उन्होंने बढ़ते रक्षा सहयोग और ऐतिहासिक संयुक्त सैन्य अभ्यासों को बढ़ते रणनीतिक विश्वास के संकेत के रूप में भी इंगित किया। सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू किए गए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह परियोजना ‘पूरे क्षेत्र में वाणिज्य, संपर्क और विकास का एक प्रमुख उत्प्रेरक’ होगी।

हमारा संबंध नया नहीं, यह सभ्यागत आदान-प्रदान में निहित—

प्रधानमंत्री मोदी अरब न्यूज के एक सवाल पर कहा कि हमारा संबंध नया नहीं है। यह सदियों पुराने सभ्यतागत आदान-प्रदान में निहित है। विचारों से लेकर व्यापार तक, हमारे दो महान देशों के बीच निरंतर प्रवाह रहा है। 2014 से हमारे संबंध लगातार बेहतर होते जा रहे हैं। मुझे याद है कि 2016 में मुझे महामहिम किंग सलमान से किंग अब्दुल अजीज का सम्मान प्राप्त हुआ था। 2019 में रणनीतिक भागीदारी परिषद का गठन एक बड़ी उपलब्धि थी। तब से हमारे बीच सहयोग कई क्षेत्रों में फैल गया है। यह तो बस शुरुआत है। हमारी भागीदारी में असीम संभावनाएं हैं। हमारे संबंधों की नींव आपसी विश्वास और सद्भावना पर टिकी है। भारत-सऊदी अरब संबंधों के लिए यह आशाजनक समय है। जेद्दा का भारत के साथ विशेष संबंध रहा है। सदियों से यह प्रसिद्ध शहर हमारे व्यापार और लोगों के बीच आदान-प्रदान के लिए प्रमुख धमनियों में से एक रहा है। मक्का के प्रवेश द्वार के रूप में सदियों से हमारे तीर्थयात्री हज और उमराह के लिए अपनी पवित्र यात्रा पर जेद्दा की गलियों से होकर गुजरते रहे हैं। उन्होंने कहा, ”मैं सऊदी विजन 2030 और भारत के विकसित भारत 2047 (विकसित भारत 2047 पहल) के बीच कई पूरक समानताएं भी देखता हूं।”

सऊदी कंपनियों का किया आह्वान—

उन्होंने सऊदी कंपनियों से विकसित भारत यात्रा के हिस्से के रूप में भारत में उल्लेखनीय अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया। अरब न्यूज के सवाल-भारत को कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में सऊदी अरब की भूमिका को देखते हुए आप दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग के भविष्य की कल्पना कैसे करते हैं, खासकर वैश्विक ऊर्जा संक्रमण के संदर्भ में? इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऊर्जा हमारी आर्थिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रही है। सऊदी अरब भारत के लिए मजबूत और विश्वसनीय ऊर्जा साझेदार रहा है। यह कच्चे तेल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के हमारे शीर्ष आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। जैसे-जैसे भारत एक विकसित देश बनने की कोशिश कर रहा है, हमारी ऊर्जा मांग बढ़ती रहेगी। और सऊदी अरब हमारी ऊर्जा सुरक्षा में एक करीबी साझेदार बना रहेगा। रणनीतिक साझेदारों के रूप में हम इस बात पर सहमत हैं कि हमारा ऊर्जा सहयोग केवल खरीदार-विक्रेता संबंधों तक सीमित नहीं है। हम रिफाइनरियों और पेट्रोकेमिकल्स में संयुक्त परियोजनाओं की भी खोज कर रहे हैं।

2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य हासिल करने का भरोसा—

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया भी धीरे-धीरे स्वच्छ और अधिक टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों की ओर बढ़ रही है। भारत हरित अभियान के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। हमें 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है। इस यात्रा में भी सऊदी अरब के साथ सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। इसमें आपूर्ति शृंखला, परिपत्र अर्थव्यवस्था, ऊर्जा दक्षता और हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में भागीदार के रूप में दोनों देश भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए अभिनव समाधानों की दिशा में काम कर सकते हैं।

सुरक्षा सहयोग में लगातार प्रगति—

उन्होंने कहा कि हमने सुरक्षा सहयोग में भी लगातार प्रगति देखी है। इसमें आतंकवाद निरोध, उग्रवाद का मुकाबला, आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटना जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हम आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में इसके बढ़ते महत्व को पहचानते हुए साइबर सुरक्षा में सहयोग के नए क्षेत्रों की भी खोज कर रहे हैं। पिछले वर्षों में हमने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की जब दोनों थल सेनाओं के बीच पहला संयुक्त अभ्यास हुआ। उन्हें खुशी है कि भारत आज सऊदी अरब में सशस्त्र बलों की कुछ जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। मैं अपनी इस यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों के साथ फिर से जुड़ने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

lakshyatak
Author: lakshyatak

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!