मानसून कमजोर होने से किसानों की बढ़ी चिंता, संकट में धान के बिचड़े

सीवान- 05 जुलाई। जिले में मानसून शुरू होने के बावजूद अपेक्षाकृत बारिश नहीं होने से किसान चिंतित है । मानसून कमजोर होने से यहां धान की रोशनी प्रभावित हो रही है । वहीं दलहन तथा अन्य फसलों की बुवाई भी प्रभावित हो रही है । जिला में जुलाई माह में अभी तक 4 दिनों में 29 एमएम बारिश होनी चाहिए लेकिन अभी महज 8 पॉइंट 3 एमएम ही बारिश हुई है इस तरह बारिश काफी कम है पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में कहीं पर भी एक बूंद भी बारिश नहीं हुई है। बारिश नहीं होने से समय पर फसलों की बुआई नहीं हो रही है । बुआई के पहले खेतों में नमी की आवश्यकता है , लेकिन बारिश कम होने से खेतों में अपेक्षा के अनुसार नमी नहीं है ।

उल्लेखनीय हो कि जिले में जून माह में 143 एमएम बारिश की जरूरत थी लेकिन 104 एमएम ही बारिश हुई थी । इस वजह से समय पर धान के बिचड़े नहीं डाले गये । वही अरहर , उड़द , मूंग बाजरा मक्का आदि की खेती भी पिछड़ गई है । जून माह के अंतिम सप्ताह में बारिश होने से लोगों ने धान के बिचड़े डालना शुरू की है । लेकिन धान के बिचड़े तैयार होने के लिए पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है । लेकिन पिछले 4 दिनों से बारिश की रफ्तार ठीक – ठाक नही है । इस वजह से किसान परेशान है । कारण कि धान के बिचड़े बचाने के लिए उन्हें मशीन से पानी खरीदनी पड़ रही है । इसी तरह तेलहन के ही खेती पिछड़ रही है , कारण कि जिले में अरहर की खेती 15 से 20 फीसदी ही हुई है । अरहर 4877 हेक्टेयर भूमि में बुआई करनी है । अरहर उड़द भी 5 से 7 फीसदी ही बुआई हो सकी है । इसी तरह मूंग महज 5 फीसदी बुआई हुई है । मक्का की खेती भी ठीक ढंग से नहीं हुई है जिले में मक्का की बुआई भी महज 20 फीसदी हुई है । जबकि जिले में 17277 हेक्टेयर भूमि में मक्का की बुआई करनी है , लेकिन समय पर बारिश नहीं होने से खेतों में नमी नहीं थी । इस वजह लगभग 3000 हेक्टेयर में ही मक्का की बुआई हो सकी है । हालांकि तेलहन और मक्का की बुआई कार्य में तेजी आई है।

बिहार भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने बिहार सरकार को एक पत्र लिखकर कर धान के बिचड़े को बचाने के लिए सभी किसानों को डीजल अनुदान देने की मांग की है।

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Author: lakshyatak

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