बिहार

बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक में कर की राशि का पूरा भुगतान किए जाने की स्थिति में ब्याज एवं पेनाल्टी से पूरी तरह से छूट दिया जाएगा: सम्राट चौधरी

पटना- 26 नवंबर। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार विधानसभा के पटल पर बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया गया। सदस्यों ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया। अब यह विधेयक बिहार विधान परिषद में पेश किया जायेगा।

जीएसटी एक फेडरल टैक्स सिस्टम। केन्द्रीय जीएसटी एक्ट में किये गये किसी भी संशोधन के उपरांत राज्य स्तर पर भी बिहार जीएसटी एक्ट में संशोधन किया जाना आवश्यक है।

सम्राट चौधरी ने मंगलवार काे कहा कि केन्द्रीय जीएसटी एक्ट में किये गये संशोधनों के आलोक में अध्यादेश के माध्यम से बिहार जीएसटी एक्ट में संशोधन किया गया। इन संशोधनों को विधायीत करने के लिे बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 का प्रारूप तैयार किया गया है।

विधेयक प्रारूप में जीएसटी अधिनियम की कई धाराओं में संशोधन के साथ-साथ कुछ नई धाराएं भी जोड़ी गईं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक के मुख्य अवयवों में जीएसटी के शुरूआती वर्षों के लिए करदाताओं द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा के लिए विहित समय-सीमा को बढ़ाते हुए 30 नवम्बर, 2021 किया जाना, सामान्य रूप से प्रचलन के कारण कर का भुगतान नहीं किये जाने या कम किये जाने की स्थिति में वसूली से छूट दिया जाना, वित्तीय वर्ष 2024-25 से आगे की अवधि के लिए कर निर्धारण के लिए नये सेक्शन का प्रावधान, जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर करने के लिए प्रि-डिपोजिट की राशि में कमी किया जाना शामिल हैं। विधेयक प्रारूप के माध्यम से जीएसटी की शुरूआती वर्षों के लिए करदाताओं को राहत देने के लिए एमनेस्टी स्कीम (माफी स्कीम) का प्रावधान है, जिसमें कर की राशि का पूरा भुगतान किये जाने की स्थिति में ब्याज एवं पेनाल्टी से पूरी तरह से छूट दिया जाना प्रस्तावित है।

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