
मधुबनी/बिहार – 16 अप्रैल। पूर्व केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री सह वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डा. शकील अहमद विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। रविवार को स्थानीय होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अब कभी चुनाव नहीं लड़ने की उन्होंने विधिवत घोषणा की। उन्होंने बताया कि इसकी अधिकृत जानकारी उनके द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी दे दी गई है। वे किसी अन्य पार्टी में जाने के सवाल को सिरे से खारिज करते हुए कहा वे हमेशा कांग्रेस में रहे हैं और पूरी जिंदगी कांग्रेस में ही रहेंगे। चुनाव नहीं लड़ने के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे राजनीति में सक्रिय हैं। तथा आगे भी सक्रिय रहेंगे। परंतू यह सक्रियता केवल कांग्रेस के लिए ही रहेगी। पार्टी द्वारा फिर से मैदान में उतारे जाने के सवाल पर कहा कि वे पार्टी की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे। मधुबनी लोकसभा से दो बार सांसद और बिस्फी विधानसभा से तीन बार विधायक रहे डा. शकील अहमद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे भारत सरकार के अलावा बिहार सरकार में मंत्री भी बने हैं। केन्द्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं दुरसंचार मंत्रालय का भी पद संभाला। इसके अलावा वे कांग्रेस के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि 2019 में वीआईपी को सीट मिलने के बाद 95 फीसदी कांग्रेस कार्यकर्ता की मांग पर निर्दलीय चुनाव लड़े थे, परंतु उस समय भी उन्होंने केवल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तस्वीर को लगाकर अपना प्रचार अभियान किया था। क्योंकि उनका परिवार 85 वर्षों से कांग्रेस में है। इन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र की प्रतिलिपि जारी करते हुए बताया कि यह पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों को मिल गए हैं। उन्होंने बताया कि रमजान खत्म होने के बाद मधुबनी लोकसभा और बिस्फी विधानसभा के हर परिवार से मिलने जाएंगे। ताकि उनका जो स्नेह और प्रेम मिलता रहा है, इसके लिए धन्यवाद दे सके। डा. शकील चार साल पहले 16 अप्रैल को ही मधुबनी लोकसभा से निर्दलीय किया था अपना नामांकन किया था। इस दौरान वे देश स्तर पर किसी भी राजनीतिक हलचल पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके परिवार को यहां के लोगों ने 85 सालों से जो मान सम्मान दिया है, वह अविस्मरणीय है।



