
दिल्ली हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती-2018 का विज्ञापन किया निरस्त, कहा- दिव्यांगों को कानून के मुताबिक आरक्षण दें
नई दिल्ली- 17 अक्टूबर। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के शिक्षक भर्ती के 2018 के विज्ञापन को निरस्त कर दिया है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन द राइट्स ऑफ पर्संस विद डिसेबिलिटीज एक्ट के मुताबिक दिव्यांगों को चार फीसदी आरक्षण नहीं दे रहा है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अगस्त 2018 में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, पीजी टीचर्स, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स, लाइब्रेरियन इत्यादि पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। कोर्ट ने पाया कि इस विज्ञापन में दिव्यांगों को कानून के मुताबिक पर्याप्त आरक्षण नहीं दिया गया है। कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय संगठन को निर्देश दिया कि वो तीन महीने के अंदर संगठन में खाली पड़े पदों के मुताबिक भर्ती का रोस्टर बनाए और उनकी भर्ती का टाइमलाइन तय करे। कोर्ट ने इसके संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि केंद्रीय विद्यालय संगठन कानून के मुताबिक दिव्यांगों खासकर दृष्टिबाधितों के लिए आरक्षण नहीं दे रहा है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से जारी विज्ञापन में दिव्यांगों के लिए केवल एक फीसदी आरक्षण दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि प्रिंसिपल पद को दिव्यांगों के आरक्षण की परिधि से बाहर रखा गया है।



