बिहार

चंपारण में चीनी मिल बंद किसानों को उपज का नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य: प्रशांत किशोर

मोतिहारी- 13 जनवरी। जनसुराज पदयात्रा के दौरान जिले के संग्रामपुर प्रखंड पहुंचे प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी जी 2014 में मोतिहारी चीनी मिल चलाने का वादा गांधी मैदान मोतिहारी में किये थे,लेकिन मिल तो नही चला लेकिन यहां के भाजपा नेताओं ने आपसी बंदरबाट कर मिल की जमीन औने पौने दाम पर खरीद लिया।

किसानों के बकाया भुगतान के नाम पर भी मोतिहारी चीनी मिल की जमीन बेंची गई,लेकिन किसानों का भुगतान नही हो सका। किसानों को उसके उपज का समर्थन मूल्य नही मिल रहा है।सरकारी स्तर पर पैक्स में तेरह प्रतिशत धान व केवल एक प्रतिशत गेंहु की खरीद हो रही है। किसान अपने धान को बारह सौ से पन्द्रह सौ रुपये प्रति किंवटल बेच देते हैं।जबकि सरकारी दर 2040 है। नहरों की व्यस्था रख रखाव के कारण बन्दी के कगार पर पहुँच गया हैं। सिंचाई की सही व्यस्था नही होने से कृषि व किसानी बहुत बड़ी समस्या बन गई है।

उन्होने कहा कि चंपारण समेत पूरे बिहार में शिक्षा चौपट है।शिक्षक व बच्चों का समायोजन नही है।विद्यालयों से पढ़ाई गायब है स्कूल बिना क्वालिटी खिचड़ी व कॉलेज बिन पढ़ाये डिग्री बाटने में व्यस्त हैं। मुख्य मंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा में केवल अधिकारी से घिरे रहते हैं आमजनों की समस्या उन्हें दिखाई नही देती ।बाढ़ आने पर नदी में कटाव रोकने के लिए कटाव रोधी कार्य के नाम पर करोड़ो रूपये की गबन कर ली जाती है। जनता बाढ़ जैसी समस्यों में फंसी रहती है।प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबो को मिलने वाले राशन में प्रति क्विंटल चालीस रुपये पीसी लिया जा रहा है। जिसको अधिकारी, विधायक व जनप्रतिनिधि तक पहुँचाया जाता है।

जिला ओडीएफ हो गया पदयात्रा के दौरान सड़क किनारे दोनो तरफ गंदगी देखने को मिल रही है। जिससे यह लग रहा है कि दो से छह हजार तक लोगो से लेकर बारह हजार भुगतान कर केवल पीठ थपथपाया गया। बिजली तो गांव स्तर पर पहुँच गया है लेकिन बिजली बिल बड़ी समस्या है ।ग्रामीण सड़के लालू के जंगल राज से कमोबेश बेहतर हुआ है।लेकिन स्वास्थ्य सेवा अबभी ग्रामीण स्तर पर बदतर है। चिकित्सक भगवान भरोसे कही कही दिख रहे है।मनरेगा योजना में केवल लूट खसोट है मजदूरों को सौ दिन रोजगार नही मिल रहा है आज भी बिहार से मजदूरो का पलायन दूसरे प्रदेशों में जारी है।उन्होने कहा कि मेरे 103 दिन की चंपारण में पदयात्रा में कही भी मनरेगा से कार्य होते हुए नही दिखा। वही वित्त रहित शिक्षकों के बारे में बताया कि एक साजिश के तहत वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को बंद किया जा रहा है।

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