भारत

गणतंत्र दिवस पर तीनों सेनाओं के 412 जांबाज वीरता और रक्षा पदक से नवाजे गए

नई दिल्ली- 25 जनवरी। गणतंत्र दिवस से पहले 412 वीरता पुरस्कारों और अन्य रक्षा सम्मानों की घोषणा की गई है। सेना के जवानों को दो कीर्ति चक्र और 13 शौर्य चक्र दिए गए हैं। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के कर्मियों और अन्य को 412 वीरता पुरस्कारों और अन्य रक्षा अलंकरणों को मंजूरी दी है। मेजर शुभांग और नाइक जितेंद्र सिंह को कीर्ति चक्र मिलेगा, जबकि नौसेना के कमांडर निशांत सिंह को मरणोपरांत दिए गए नौ सेना पदक (शौर्य) के साथ याद किया जाएगा।

पुरस्कारों में छह कीर्ति चक्र (चार मरणोपरांत), 15 शौर्य चक्र (दो मरणोपरांत), 93 सेना पदक (शौर्य) (चार मरणोपरांत), एक नौसेना पदक (शौर्य) मरणोपरांत, सात वायु सेना पदक (शौर्य), 29 परम विशिष्ट सेवा मेडल शामिल हैं। इसके अलावा तीन उत्तम युद्ध सेवा मेडल, 53 अति विशिष्ट सेवा मेडल, 10 युद्ध सेवा मेडल, 40 सेना मेडल (ड्यूटी के प्रति समर्पण), 13 नौसेना मेडल (कर्तव्य के प्रति समर्पण) (पांच मरणोपरांत), 14 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) और 128 विशिष्ट सेवा पदक हैं। दो कीर्ति चक्र और सात शौर्य चक्र सेना के जवानों को दिए गए हैं। राष्ट्रपति ने भारतीय तटरक्षक कर्मियों को एक राष्ट्रपति के तटरक्षक पदक (विशिष्ट सेवा), तीन तटरक्षक पदक (शौर्य) और तटरक्षक पदक (मेधावी सेवा) से भी सम्मानित किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए 62 पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इनमें 55 सेनाध्यक्ष की सिफारिशें शामिल हैं।ऑपरेशन रक्षक के लिए 27, ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के लिए 13, ऑपरेशन आर्किड के लिए दो, ऑपरेशन राइनो के लिए छह, ऑपरेशन नोंगकी के लिए एक और छह अन्य शामिल हैं। इसमें वायुसेना प्रमुख की सात अनुशंसाएं भी शामिल हैं। इसमें वायुसेना प्रमुख की सात अनुशंसाएं भी शामिल हैं। कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले मेजर शुभांग डोगरा रेजिमेंट से और नाइक जितेंद्र सिंह राजपूत रेजिमेंट से हैं। इन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में वीरता दिखाने के लिए दिया गया है।

मेजर शुभांग ने अप्रैल, 2022 में जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में प्रतिकूल मौसम की स्थिति में दुर्गम, ऊबड़-खाबड़ और घनी वनस्पति वाले इलाकों में अपनी टीम का नेतृत्व किया। मेजर शुभांग ने संदिग्धों को चुनौती देने से पहले दस मीटर के करीब पहुंचने पर शौर्य का प्रदर्शन किया। आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं और एक अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर फायर ने मेजर शुभांग और उनकी टीम के दो कर्मियों को घायल कर दिया। बाएं कंधे पर गोली लगने के बावजूद मेजर शुभांग ने अतुलनीय वीरता का प्रदर्शन किया और बेहद करीबी गोलाबारी में एक कट्टर आतंकवादी को मार गिराया।

इसी तरह कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले नाइक जितेंद्र सिंह के प्रशस्ति पत्र में पुलवामा जिले में 27 अप्रैल, 2022 को एक ऑपरेशन में एक कट्टर आतंकवादी को बेअसर करने और दूसरे को घायल करने में उनकी अदम्य भावना, अनुकरणीय पहल और सर्वोच्च बहादुरी की प्रशंसा की गई। आतंकियों के घेरे में अपने और साथी सैनिकों के लिए खतरा होने के बावजूद नाइक जितेंद्र सिंह सर्वोच्च वीरता का प्रदर्शन करते हुए आतंकवादी की ओर रेंग कर पहुंचे और एक करीबी मुठभेड़ में उसे घायल कर दिया। इसके बाद वह बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें 92 बेस अस्पताल ले जाया गया।

सेना का शौर्य चक्र कुमाऊं रेजीमेंट के मेजर आदित्य भदौरिया, कुमाऊं रेजीमेंट के कैप्टन अरुण कुमार, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के कैप्टन युधवीर सिंह, 9 पैरा स्पेशल फोर्स से कैप्टन राकेश टी.आर. और जम्मू-कश्मीर राइफल्स के लांस नायक विकास चौधरी, जम्मू और कश्मीर राइफल्स से नाइक जसबीर सिंह और जम्मू और कश्मीर पुलिस के साथ कांस्टेबल मुदासिर अहमद शेख को मरणोपरांत दिया गया है।

गणतंत्र दिवस पर भारतीय नौसेना कर्मियों को भी प्रतिष्ठित सेवा और वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है। भारतीय नौसेना कर्मियों को प्रतिष्ठित शौर्य पुरस्कारों में 3 परम विशिष्ट सेवा मेडल, 7 अति विशिष्ट सेवा मेडल, 1 नौ सेना पदक (शौर्य), 2 बार टू नौसेना मेडल, 11 नौसेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) और 16 विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित करने की मंजूरी दी गई है। नौसेना के कमांडर निशांत सिंह को मरणोपरांत दिए गए नौ सेना पदक (शौर्य) के साथ याद किया जाएगा, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अभ्यास ‘मालाबार 20’ के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया।

नौसेना में परम विशिष्ट सेवा मेडल से रवींद्र भर्तृहरि पंडित, विश्वजीत दासगुप्ता और मकरंद अरविंद हम्पिहोली को नवाजा गया है। अति विशिष्ट सेवा मेडल दीपक कपूर, अधीर अरोड़ा, अरविंदन कटरी पुलियाकोड़े, संजय साधु, समीर सक्सेना, धीरेन विग (सेवानिवृत्त) और सीएस नायडू (सेवानिवृत्त) को दिया गया है। बार टू नौसेना मेडल (ड्यूटी के प्रति समर्पण) शशांक तिवारी (मरणोपरांत) और हरिओम शौकीन (मरणोपरांत) को मिला है। नौसेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) शंकर नारायण, पंकज शर्मा, अनीश एमजे नायर, शांतनु झा, वी गणपति, इफ्तेखार आलम, कैप्टन सौरभ ठाकुर, कैप्टन बी वासु धीरज, लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव (मरणोपरांत), योगेश तिवारी (मरणोपरांत), लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती (मरणोपरांत) को दिए गए हैं।

विशिष्ट सेवा मेडल से एस गंटयेट, कारी मुरलीधर, हेमंत पदबिदरी, वीरप्पा बी बेल्लारी, नीरज उदय, नादुविल पिशारोम प्रदीप, मुकुल माधव सुरंगे, प्रशांत दत्तात्रय सिद्धाय, मानव सहगल, कैप्टन पार्थ उमाकांत भट्ट, कैप्टन कार्तिक मूर्ति, कैप्टन सैमुअल मामेन अब्राहम, कैप्टन गौरव मल्होत्रा, कैप्टन गौरव मेहता, कैप्टन (टीएस) सुनील दत्त डोगरा और महावीर प्रसाद को सम्मानित किया गया है।

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