ताज़ा ख़बरें

अमेरिका में जातिगत भेदभाव के मामले में दो भारतीयों के खिलाफ मामला खारिज

वांशिगटन- 12 अप्रैल। अमेरिका में भारतीय मूल के दो सिस्को इंजीनियरों के खिलाफ जातिगत भेदभाव का मामला सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया गया। इस मामले के ताजा घटनाक्रम की स्थानीय हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने पुष्टि की है। सिस्को और सीआरडी के बीच दो मई को इस संबंध में मध्यस्थता बैठक होनी है।

कैलिफोर्निया के नागरिक अधिकार विभाग (सीआरडी) ने सुपीरियर कोर्ट में जाति आधारित भेदभाव के आरोपों का सामना कर रहे सिस्को सिस्टम्स के भारतीय मूल के इंजीनियरों सुंदर अय्यर और रमना कोम्पेला के खिलाफ सुपीरियर कोर्ट में स्वत: खारिज कर दिया गया है।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा कि भारतीय मूल के दो अमेरिकी नागरिक करीब तीन साल से अंतहीन जांच के भयावह अनुभव का सामना कर रहे थे। सीआरडी ने उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाते हुए उनपर जातिगत भेदभाव के आरोप लगाए और मीडिया में उन्हें इसके लिए दोषी ठहराया गया, जिसके कारण उन्हें ऑनलाइन अपमान का सामना करना पड़ा।

शुक्ला ने कहा कि हमें खुशी है कि (सुंदर) अय्यर और (रमण) कोम्पेला के साथ हमारे दृष्टिकोण को भी सही ठहराया गया है। एचएएफ ने ‘यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ में याचिका दायर कर दावा किया था कि सिस्को और इंजीनियरों के खिलाफ कैलिफोर्निया में रहने वाले हिंदुओं के नागरिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित सीआरडी का मामला ‘असंवैधानिक और गलत’ है।

जानकारी के अनुसार अय्यर पर जाति के आधार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था, जबकि इस बात के सबूत हैं कि उन्होंने ‘जॉनडो’ नामक दलित को अच्छे शुरुआती पैकेज पर भर्ती किया था।

सुहाग शुक्ला ने कहा कि दो भारतीय-अमेरिकियों ने जांच के लगभग तीन साल के दुःस्वप्न, एक क्रूर ऑनलाइन विच हंट और सीआरडी द्वारा उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने के बाद मीडिया में अपराध की धारणा का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जाति के आधार पर भेदभाव करने में लगे हुए हैं। शुक्ला ने कहा कि हम आश्चर्य हैं कि अय्यर और कोम्पेला को हमारी स्थिति के साथ सही ठहराया गया है कि राज्य को हिंदू और भारतीय अमेरिकियों को उनके धर्म या जातीयता के आधार पर गलत काम करने का कोई अधिकार नहीं है।

अदालती फाइलिंग के अनुसार डिवीजन के सीईओ अय्यर पर जाति के आधार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था, इस सबूत के बावजूद कि उन्होंने जॉन डो को सक्रिय रूप से भर्ती किया था, जो स्वयं को दलित के रूप में पहचानते थे। इन्होंने सीआरडी में मुकदमा दायर किया था। एचएफ ने कहा कि इन्हीं अदालती रिकॉर्ड से पता चलता है कि अय्यर ने कम से कम एक अन्य दलित को भी काम पर रखा था, जो डिवीजन में केवल तीन नेतृत्व पदों में से एक था। एचएएफ ने कहा कि इस व्यक्ति को अन्य दो नेतृत्व पदों की भी पेशकश की गई थी, जिसमें जॉनडो ने शिकायत दर्ज कराने से पहले भेदभाव का दावा किया था।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button