संयुक्त राष्ट्र- 28 फरवरी। दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोपों से घिरने के बाद भारत से फरार स्वयंभू तथाकथित भगवान नित्यानंद के काल्पनिक देश ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलास’ की प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भारत के खिलाफ जहर उगला है। यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिर जाने के बाद से नित्यानंद सामने नहीं आया है। गुजरात पुलिस का कहना है कि वह गिरफ्तारी के डर से चकमा देकर भारत से भाग चुका है।
नित्यानंद के भारत में कई आश्रम हैं। आश्चर्य यह है कि कूटनीतिक मानकों का मजाक उड़ाते हुए यौन शोषण के आरोपित और भगोड़े नित्यानंद के ‘संयुक्त राज्य कैलास’ की तरफ से विजयप्रिया नामक महिला ने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की 19वीं संयुक्त राष्ट्र समिति की बैठक में प्रतिनिधित्व किया। उसने दावा किया कि नित्यानंद को सताया जा रहा है। उसने नित्यानंद को ‘हिंदू धर्म के सर्वोच्च पुजारी’ की संज्ञा देते हुए सुरक्षा की मांग की।
इस सबके बीच सवाल अहम है कि क्या संयुक्त राष्ट्र ने नित्यानंद के काल्पनिक देश को मान्यता दी है? संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर अपलोड वीडियो के मुताबिक, विजयप्रिया ‘कैलासा से स्थायी राजदूत’ हैं। सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा करने वाली बैठक में विजयप्रिया ने दावा किया कि उनके ‘राष्ट्र’ के संस्थापक नित्यानंद को उनके जन्म के देश द्वारा उत्पीड़ित’ किया जा रहा था। कैलास की स्थापना हिंदू धर्म के सर्वोच्च पुजारी नित्यानंद परमशिवम ने की है। वो आदि शैव स्वदेशी कृषि जनजातियों सहित प्रबुद्ध हिंदू सभ्यता और हिंदू धर्म की 10,000 परंपराओं को पुनर्जीवित कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नित्यानंद पर भारत में दुष्कर्म आदि अपराधों के संगीन आरोप हैं। कर्नाटक में रहने वाले उसके पूर्व ड्राइवर लेनिन की शिकायत पर नित्यानंद को 2010 में पहली बार गिरफ्तार किया गया। कुछ समय बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। हालांकि इसी साल जमानत रद्द कर दी गई। कुछ समय बाद लेनिन ने एक याचिका दायर कर कहा कि नित्यानंद देश छोड़ कर भाग गया है। इसके गुजरात आश्रम में भी यातना और बाल शोषण के आरोप लग चुके हैं।
