दरभंगा- 26 फरवरी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और मुस्लिम बेदारी कारवाँ के संयक्त बैनर तले आज दरभंगा के डाॅन बाॅस्को स्कूल के काॅन्फेंस हाॅल में एक दिवसी उर्दू और मदारिस बचाओ काॅन्फेंस को आयोजन एमआईएम के बिहार प्रदेश सचिव सह बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम की अध्यक्षता में हुई। कार्यक्रम की शुरूआत तिलवात कुरआन से हुई। कार्यक्रम का संचालन असद रशीद नदवी ने किया। कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में इमारत शरिया पटना के काजी मुफती एजाज अहमद और डाॅ0 निजाम खान ने शिरकत की।

कार्यक्रम के संयोजक अजमतुल्लाह अबुसईद ने सभी अतिथियों का पाग टोपी और शाल से इस्तकबाल किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इमारत के काजी एजाज अहमद ने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य में समाजवादी पार्टीयों की सरकार होने के बावजूद मदारिस शिक्षकों की तंखाह रोक दी गई है। उन्होंने कहा कि इमारत और आप तमाम की ओर से हम बिहार के मुखिया नीतीश कुमार से मांग करते हैं के जल्द से जल्द 609 मदरसा शिक्षकों की तंखाह को बहाल किया जाए साथ ही राज्य से खत्म होती उर्दू को बचाने के लिए सरकार से हम यह मांग करते हैं कि उर्दू शिक्षकों की भी बहाली फौरन की जाए। इस अवसर पर पटना आए मेहमान डा0 निजाम खान ने भी भी राज्य सरकार की मुस्लिम दुष्मनी पर बोलते हुए कहा कि हमें विश्वास नहीं हो रहा के नीतीश कुमार के रहते बिहार से उर्दू को समाप्त किया जा रहा है, मदरसा बोर्ड लगभग बंद होने की कगार को पहुंचा दिया गया है। हम नीतीश जी से उम्मीद करते हैं कि बिहार में चल रहे सभी अल्पसंख्यक संस्थानों को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एमआईएम नेता नजरे आलम ने कहा कि राज्य की सरकार ने ठान लिया है कि मुसलमानों को छोड़ सभी को साथ लेकर चलेंगे इसलिए नीतीश कुमार जी के रहते बिहार से उर्दू को गायब किया जा रहा है। सालों से उर्दू अकादमी में सचिव नहीं है। लावारिस बनाकर उर्दू अकादमी को रख दिया गया है। मदरसो की बार बार जांच के नाम पर गरीब मौलविायों को लूटा और परेशान किया जा रहा है। सालों से मदरसा बोर्ड में चेयरमैन नहीं है। 609 मदारिस के शिक्षकों की तंखाह रोक कर राज्य की सरकार ने यह साबित कर दिया है कि उर्दू और मदारिस को बिहार में खत्म करके दम लेंगे। नीतीष जी ने मुसलमानों के विकास को सिर्फ मुस्लिम इदारों, खानकाहों, ईद मिलन समारोह, हज भवन में दुआ की महफिल और मजारों पर जाकर हाजिरी लगाना समझ लिया है। हम नीतीश कुमार जी से बताना चाहते हैं कि आप ये सब बंद कर दें और आप भाजपा को भगाने की बात भी न करें। पहले आपने भाजपा-आरएसएस को घर घर तक पहुंचाया और अब भगाने की बात कर रहे है। जनता समझ रही है कि आप अपनी कुर्सी बचाने की राजनीति कर रहे हैं। हमें इससे कोई मतलब नहीं, हमें अभी सिर्फ अपने मसाएल के हल लिए आपसे बात करनी है। हमारे इस प्रोग्राम में 21 सूत्री मांग है जिसे आप जल्द से जल्द हल करें अन्यथा हम पूरे बिहार में सरकार की मुस्लिम मुखालिफ पाॅलिसी के खिलाफ जनता के बीच जायेंगे और जोरदार तहरीक चलायेंगे। वहीं कार्यक्रम के संयोजक अजमतुल्लाह अबुसईद ने 21 सूत्री मांग पत्र को सम्मेलन में पढ़कर लोगों को बताया के सरकार मुसलमानों के साथ लगातार नाइंसाफी कर रही है। हमारी मांग पर अगर सरकार ने एक सप्ताह में गौर नहीं किया तो हमारी पार्टी आगे इसपर आन्दोलन करने को मजबूर होगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उर्दू प्रेमी और मदरसा शिक्षक उपस्थ्ति हुए। वहीं कॉन्फ्रेंस के शुरू होने से पहले डॉल बॉस्को स्कूल के डायरेक्टर जनबा रफी आबदी साहब के इंतकाल पर उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। आबदी साहब की मगफिरत के लिए कारी नसीम अहमद ने दुआ की।

मौके पर उन्के दोनों बेटा मो0 फहद और अबु बकर के अलावह उन्के भाई करनैन साहब, डा0 अहमद नसीम आरजु, वसी अहमद शमसी, मौलाना मो0 मुस्तफा, महमूद करीमी, डा0 मंसूर खुशतर, एहतेशामुलहक, ईरफान अहमद पैदल, डा0 शर्फुद्दीन, पंकज कुमार, ई0 खुर्शीद आलम, लईक मंजर वाजदी, फसी खान, राजा खान, अजहर सुलैमान, अली हसन अंसारी, मौलाना आफताब गाजी, कारी सईद जफर, मो0 तालिब, जोवद जुलकरनैन, जमीर खान, अशरफ अहमद, डा0 सोहैल नूरानी, मुबारक हुैसन अतारी, मो0 फिरोज, हादी हसन, असद रशीद नदवी, मास्टर नूर आलम, जमाल नासिर, मेहदी रजा कादरी, नसीम अहमद रिफत मक्की, मौलाना कैफी, कारी नसीम, सफिउर रहमान राईन, अबु बशर रब्बानी, मौलाना अब्दुल कादिर, आफताब आलम, शाहिद अतहर, मौलाना इमामुद्दीन, मौ0 कुरैश, हाफिज अब्दुल खालिक, मो0 दिलशाद, अनवर आफाकी, साजदीन अख्तर, नसर नवाब, मोजम्मिल रजा, जियारतुल्लाह, दिलशाद गौहर आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए।
