नई दिल्ली- 11 जनवरी। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपित ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
कोर्ट ने ताहिर हुसैन को आरोपों के बारे में बताया जिसके बाद ताहिर हुसैन ने आरोपों का सामना ट्रायल के जरिये करने की बात की। उसके बाद कोर्ट ने इस मामले के सरकारी गवाह अमित गुप्ता के बयान दर्ज करने के लिए 10 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। आज सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट से कहा कि ताहिर हुसैन को मोतियाबिंद है और उसकी आंखों के आपरेशन की जरूरत है। ताहिर हुसैन ने पहले ही स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग की है। ताहिर हुसैन ने अपना इलाज निजी अस्पताल में कराने की अनुमति मांगी है। इस मामले पर कोर्ट 21 जनवरी को विचार करेगा।
19 फरवरी 2022 को कोर्ट ने इस मामले के सह-आरोपित अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी। पांच मार्च 2022 को कोर्ट ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 29 सितंबर 2021 को ईडी ने अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी का शर्तों के साथ समर्थन किया था।
16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल की थी। ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत आरोपित किया है। चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है।
ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई। ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ 10 लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। दंगों के लिए एकत्रित धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया।
