ढाका- 10 जनवरी। बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री डॉ. हसन महमूद ने 12 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार वापस भेजने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दबाव बनाने की अपील की। उन्होंने मंगलवार को ढाका के सूचना भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, “रोहिंग्या बांग्लादेश के लिए बोझ बन गए हैं।”
बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रह रहे कई रोहिंग्या मांग कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षा के साथ म्यांमार लौटाया जाए। बांग्लादेश इस बारे में क्या सोचता है? इस सवाल के जवाब में डॉ. हसन महमूद ने कहा कि 2017 में लाखों रोहिंग्या के अचानक बांग्लादेश आने के बाद से जो सहायता आ रही थी वह कम हो गई है। बांग्लादेश में पहले से ही बहुत अधिक जनसंख्या घनत्व है – लगभग 1,248 प्रति वर्ग किलोमीटर। यह भारत से ज्यादा है। हालांकि, बांग्लादेश से जितना बन पड़ा है कर रहा है। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन में शरणार्थियों को लेकर चिंतित है। अधिकांश पश्चिमी देश सोच रहे हैं कि रोहिंग्याओं को वापस भेजने के बजाय उन्हें बांग्लादेश में रखना बेहतर होगा।
डॉ. हसन महमूद ने कहा, “रोहिंग्या समस्या का एकमात्र समाधान बांग्लादेश आए सभी रोहिंग्याओं को गरिमा के साथ म्यांमार वापस करना है। इसके लिए मीडिया को अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाना होगा।
कोलकाता में बांग्लादेश दूतावास के उप राजदूत अंदलीब इलियास ने कहा, “बांग्लादेश एक तरफ विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हम मानवता को नहीं भूले हैं। साढ़े पांच साल पहले जब रोहिंग्या बड़ी तादाद में आने लगे तो हम असमंजस में थे। मैं सरहद की हालत देखकर सोच रहा था कि हम क्या करें। हमारे प्रधानमंत्री ने कहा, उन्हें आने दो। भले ही हम पीड़ित हों, हम अपने संसाधन साझा करेंगे और जीवित रहने का प्रयास करेंगे।
