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विदेशी धरती पर भारत के ‘ब्रांड एंबेसडर’ हैं प्रवासी भारतीय: PM मोदी

इंदौर/नई दिल्ली- 09 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत बताया और कहा कि देश की यात्रा में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासियों ने पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है।

प्रधानमंत्री सोमवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस के 17वें संस्करण का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र अगले 25 वर्षों के अमृत काल में प्रवेश कर चुका है और हमारे प्रवासी भारतीय समुदाय को वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को और ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। मोदी ने कहा, “मैं प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का ब्रांड एंबेसडर मानता हूं। दोस्तों, भारत के ब्रांड एंबेसडर के रूप में आपकी भूमिकाएं विविध हैं। आप सभी मेक इन इंडिया, योग, आयुर्वेद, कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प और बाजरा के ब्रांड एंबेसडर हैं।”

उन्होंने कहा कि आप सभी भारत के बारे में अधिक जानने की दुनिया की इच्छा को पूरा करेंगे। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत द्वारा हासिल किए गए अभूतपूर्व विकास के लिए पूरी दुनिया उत्सुकता से भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत के पास न केवल दुनिया का नॉलेज सेंटर बनने का बल्कि स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस ज़िम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। ये दुनिया के लिए भारत के अनुभवों से सीखने का अवसर है।

मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम है और दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा निर्माण में अग्रणी है। यही कारण हैं कि दुनिया भर के लोग भारत की गति और पैमाने के बारे में उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि भारत की विकास की नई गति और वैश्विक मान्यता प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित करती है। आने वाले वर्षों में, भारत एक और भी मजबूत शक्ति के रूप में उभरेगा। आज भारत के पास सक्षम युवाओं की बड़ी तादात है। हमारे युवाओं के पास स्किल है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। भारत की ये ‘स्किल कैपिटल’ दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है।

उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के प्रवासी भी अपने माता-पिता के मूल देश के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने भारत के विश्वविद्यालयों से छात्रों के लाभ के लिए अपने-अपने देशों में प्रवासी भारतीयों द्वारा किए गए योगदान का दस्तावेजीकरण करने की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां उपस्थित प्रत्येक प्रवासी भारतीय ने अपने-अपने क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। मुझे खुशी है कि प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्य प्रदेश में किया जा रहा है, जिसे ‘भारत का हृदय’ भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश में मां नर्मदा का जल, यहां के जंगल, आदिवासी परंपरा और यहां का अध्यात्म आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगी। उन्होंने प्रवासियों से मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी, हाल ही में विकसित महाकाल लोक और अन्य स्थानों की यात्रा करने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, “हाल ही में, हमने भगवान महाकाल के मंदिर में पुनर्विकास का उद्घाटन किया है, और मैं आप में से हर एक से अपेक्षा करता हूं कि आप मंदिर की यात्रा करें और महादेव से आशीर्वाद लें।”

उन्होंने कहा कि इंदौर समय से आगे रहने वाला एक दौर है, यह स्वाद की राजधानी है। इंदौर एक शहर नहीं, एक नया दौर है। यह समय से आगे चलने वाला दौर है। फिर भी विरासत को समेटे रहता है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि आप सभी इंदौर में भोजन का आनंद लें, यह एक ऐसा शहर है जो नमकीन से लेकर पोहा तक के व्यंजनों के लिए जाना जाता है। यहां सब कुछ एक अविस्मरणीय स्वाद है। छप्पन दुकान अत्यधिक प्रसिद्ध है और सराफा बाजार विश्व प्रसिद्ध स्थल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कुछ महीने पहले भारत की आजादी के 75 साल मनाए थे। हमारे स्वतंत्रता संग्राम को प्रदर्शित करने वाली डिजिटल प्रदर्शनी यहां आयोजित की गई है और यह गौरवशाली युग को फिर से आप सबके सामने लाती है। उन्होंने कहा कि ‘स्वदेशो भुवनत्रयम्’ अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है, मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था।

उन्होंने कहा कि हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए। अलग-अलग देशों, अलग-अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकती है, भारत ने करके दिखाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास होता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो लोकतंत्र की जननी होने का भारतीय गौरव और बढ़ जाता है। हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे ‘सशक्त और समर्थ भारत’ की आवाज़ भी सुनाई देती है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने मध्य प्रदेश के इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में स्मारक डाक टिकट जारी किया।

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Author: lakshyatak

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