नई दिल्ली- 20 अक्टूबर। भारतीय वायु सेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 6,800 करोड़ रुपये के 70 एचटीटी-40 स्वदेशी ट्रेनर विमानों के लिए एक अनुबंध किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 अक्टूबर को गुजरात के गांधीनगर में 12वें डिफेन्स एक्सपो के दौरान इंडिया पवेलियन में इस ट्रेनर विमान का अनावरण किया था। अत्याधुनिक समकालीन प्रणालियों से लैस इस ट्रेनर विमान को पायलट-अनुकूल सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। कुल 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी पुर्जों से निर्मित यह विमान ‘आत्मनिर्भर भारत’के विजन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
वायु सेना के मुताबिक एचटीटी-40 का उपयोग बुनियादी उड़ान प्रशिक्षण, एरोबेटिक्स, इंस्ट्रूमेंट फ्लाइंग और क्लोज फॉर्मेशन उड़ानों के लिए किया जाएगा। टर्बो-प्रोप इंजन पर आधारित यह विमान नवीनतम एवियोनिक्स, एक वातानुकूलित केबिन और इजेक्शन सीटों से लैस है। इसमें पायलटों के चेंज-ओवर, हॉट-रीफ्यूलिंग और शॉर्ट-टर्नअराउंड टाइम जैसी अनूठी विशेषताएं हैं। प्रमाणन के लिए आवश्यक सभी परीक्षण इसकी पहली उड़ान से पहले रिकॉर्ड छह वर्षों में पूरे किए गए। एचटीटी-40 ने सभी पीएसक्यूआर प्रदर्शन, गर्म मौसम, समुद्र स्तर और क्रॉस विंड परीक्षण और उपयोगकर्ता सहायता प्राप्त तकनीकी परीक्षण पूरे किये हैं। इसने बारिश के पानी के प्रति अपनी प्रतिरोधक क्षमता का भी प्रदर्शन किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को डिफेन्स एक्सपो का उद्घाटन करने के बाद इंडिया पवेलियन में स्वदेशी ट्रेनर विमान एचटीटी-40 का अनावरण किया था। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने डिजाइन और विकसित किया है। विमान में अत्याधुनिक समकालीन प्रणालियां हैं और इसे पायलट अनुकूल सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। वायु सेना को करीब 106 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की जरूरत है, जबकि वायु सेना के पास अभी 260 ट्रेनर एयरक्राफ्ट है। उसे बनाने का काम 2013 में शुरू किया गया था और 2016 में इसने पहली उड़ान भरी थी। 2020 में सभी फ्लाइट टेस्ट पूरे होने के बाद वायुसेना ने इसे पूरी तरह सक्षम ट्रेनर एयरक्राफ्ट बताया था।
एचएएल के मुताबिक सात साल में तैयार किया गया यह ट्रेनर एयरक्राफ्ट ऑर्डर मिलने के बाद 3 साल के भीतर वायु सेना को मिलना शुरू हो जाएगा। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अकेले वायुसेना के लिए 8,722 करोड़ रुपये की सैन्य खरीद को मंजूरी दी है। एचएएल एचटीटी-40 एक बेसिक ट्रेनर वायुयान है। इसका प्रयोग भारतीय वायुसेना में रिटायर्ड एचपीटी-32 दीपक वायुयान के स्थान पर किया जायेगा। इस एयरक्राफ्ट को भी एचएएल ने ही बनाया था, लेकिन इसके लगातार क्रैश होने के बाद 2006 में इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया गया था। इस पुराने एयरक्राफ्ट में पिस्टन इंजन था जबकि नए ट्रेनर एयरक्राफ्ट में एचएएल ने टर्बो इंजन लगाए हैं, इसलिए इंजन की दिक्कत ना आने से एयरक्राफ्ट क्रैश होने की समस्या नहीं पैदा होगी।
ट्रेनर एयरक्राफ्ट एचटीटी-40 में बन्दूक, राकेट और बम लगाये जा सकते हैं। एचटीटी-40 की पहली उड़ान 31 मई, 2016 को हुई थी, जिसे एचएएल के चीफ टेस्ट पायलट ग्रुप कैप्टन सुब्रमण्यम (रिटायर्ड) ने उड़ाया था।लगभग 30 मिनट की उड़ान में पायलट ने कई चक्कर लगाये और वायुयान की परफॉर्मेन्स संतोषजनक पाई गयी। पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया खुद एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट को उड़ाकर इसकी क्षमता आंक चुके हैं। एयरो इंडिया-2021 में इसे पहली बार प्रदर्शित किया गया था।
