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बिहार विधान सभा शताब्दी समारोह में बिहारी सुनकर गदगद हुए राष्ट्रपति

पटना। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम के शुभारंभ के पूर्व बिहार विधानसभा परिसर में राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया और पवित्र बोधि वृक्ष के शिशु पौधे का भी रोपण किया। राष्ट्रपति ने सामाजिक संकल्प अभियान के शिलापट्ट का भी रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। राज्यपाल फागू चौहान ने बिहार विधानसभा की 100 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पर आधारित एक स्मारिका का भी विमोचन किया जिसकी पहली प्रति महामहिम राष्ट्रपति को भेंट की गयी।बिहार विधान भवन शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में ‘सदन में विमर्श ही संसदीय प्रणाली का मूल है’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने बिहार के प्रति अपने लगाव को इंगित करते हुए यहां के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की। उन्होंने यहां के लोगों की प्रशंसा करते हुये कहा कि बिहार प्रतिभावान लोगों की धरती है। राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल रहने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हमेशा सहयोग मिला और अब भी सहयोग मिल रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लगभग 2,400 वर्ष पहले एक गरीब महिला ‘मुरा’ के पुत्र चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सम्राट बनाने से लेकर 1970 के दशक में ईमानदारी और उज्ज्वल चरित्र के प्रतीक जननायक कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने तक इस धरती ने समतामूलक परंपरा स्थापित की है। राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार में सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए प्रयास और योगदान के लिए राज्य के सभी पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री प्रशंसा के पात्र हैं। कुछ ही दिनों बाद हम सभी देशवासी दीपावली और छठ का त्योहार मनाएंगे। छठ-पूजा अब एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। नवादा से न्यू-जर्सी और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्व-स्तर पर स्थान बनाया है। मुझे विश्वास है कि इसी प्रकार स्थानीय प्रगति के सभी आयामों पर भी बिहार के प्रतिभावान व परिश्रमी लोग सफलता के नए मानदंड स्थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने समय दिया, इसके लिए उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं। उनका रिश्ता यहां से काफी पुराना रहा है। राष्ट्रपति हमारे यहां बिहार में करीब दो साल के लिए राज्यपाल रहे थे। यहीं से इन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिला । हम तो कहते हैं कि ये बिहारी राष्ट्रपति हैं। ये तो सीधे बिहार के राज्यपाल से राष्ट्रपति बने। हमलोगों को बेहद खुशी होती है। राष्ट्रपति कोविन्द अब तक 4 बार बिहार आ चुके हैं। सीएम नीतीश ने कहा कि पटना में विपश्यना केंद्र बनवाया है। राष्ट्रपति कल वहां जायेंगे। यह जानकर काफी खुशी हुई है। अब बिहार के सभी सरकारी अधिकारी-कर्मी भी विपश्यना केंद्र जायें। इस केंद्र पर जाने वाले सरकारी कर्मियों को सरकार 15 दिनों की छुट्टी देगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि हम तो चाहेंगे प्रधानमंत्री को बुलाया जाए और उनका कार्यक्रम हो। विधानसभा अध्यक्ष इस काम में लगे हुए हैं।सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द एक ऐसे व्यक्ति हैं जो सीधे राज्यपाल से राष्ट्रपति बने। नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति पूरे देश के हैं लेकिन हम सब इनको बिहारी ही मानते हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का जो लगाव बिहार से रहा है। यही वजह है कि वह बिहार आने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिहार विधान सभा भवन के 100 साल पूरा होने पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है इसके लिए विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को धन्यवाद देते हैं। आदरणीय राष्ट्रपति महोदय ने इसके लिए जो समय दिया, सब लोगों के अनुरोध को स्वीकार किया उसके लिये मैं उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं और अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहली बार तीसरा कृषि रोडमैप की शुरुआत करने के लिए 9 नवंबर 2017 को बिहार आए थे। इसके बाद 15 नवंबर 2018 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आए थे। 25 अक्टूबर 2019 को विश्व शांति स्तूप, राजगीर के 50 वें वार्षिकोत्सव में हमारे विशेष आग्रह पर ये यहां पधारे थे। उन्होंने कहा कि जापान के फूजी गुरु जी ने विश्व शांति स्तूप का निर्माण कराया था। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद,उप मुख्यमंत्री रेणु देवी,संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी,राज्य सरकार के अन्य मंत्रीगण, सांसदगण,विधायकगण, विधान पार्षदगण, पूर्व सांसदगण,पूर्व विधायकगण,पूर्व विधान पार्षदगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, सहित अन्य अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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Author: lakshyatak

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